नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 71वें जन्मदिन और विश्वकर्मा पूजा के अवसर पर भारतीय रेलवे ने रेल कौशल विकास योजना का शुभारंभ किया है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस योजना की शुरूआत देश के कुल 75 रेलवे प्रशिक्षण संस्थानों में एक साथ की। इस योजना के तहत शुरूआती दौर में 50 हजार युवाओं को 4 ट्रेड में प्रशिक्षित किया जाएगा। इनमें फिटर, इलेक्ट्रिशियन, वेल्डर और मशीनिंग के ट्रेड शामिल हैं।
रेल कौशल विकास योजना के माध्यम से रेलवे 2024 तक इन युवाओं को तकनीकी रूप से कुशल बनाएगी। इन्हें रेलवे प्रशिक्षण केन्द्रों में प्रशिक्षित किया जाएगा। रेल मंत्री ने योजना की शुरूआत करते हुए कहा कि ये कौशल बेहद प्रासंगिक होंगे। यह कौशल प्रशिक्षण शहरों से अलग दूरदराज के इलाकों में भी उपलब्ध होगा। देश भर से चुने गए प्रतिभागियों को 100 घंटे का प्रशिक्षण मिलेगा।
ट्रेनिंग:
क्षेत्रीय मांगों और जरूरतों के आकलन के आधार पर रेलवे अन्य ट्रेड में भी ट्रेनिंग देगी। आने वाले दिनों में सिग्नलिंग से जुड़े काम, इंस्ट्रूमेंटेशन, कॉन्क्रीट मिक्सिंग-टेस्टिंग, रॉड बेंडिंग, इलेक्ट्रॉनिक कार्ड रिप्लेसमेंट जैसे ट्रेड भी प्रशिक्षण कार्यक्रम में जोड़े जाएंगे। शहरी-ग्रामीण युवाओं को इसका लाभ मिलेगा।
ट्रेनिंग युवाओं को होंगे ये फायदे:
दसवीं पास और 18 से 35 वर्ष के बीच के लोग यह ट्रेनिंग ले सकेंगे। ट्रेनिंग के बाद युवाओं को ट्रेनिंग का सर्टिफिकेट भी मिलेगा, जिससे उन्हें भारतीय रेल की तरफ से निकलने वाली ग्रुप डी की नौकरियां मिलने में आसानी होगी। यह योजना युवाओं की रोजगार क्षमता में सुधार करेगी। साथ ही स्वरोजगार के लिए भी उन्हें कुशल बनाएगी।
एक्स अप्रेंटिस के तहत युवाओं को ट्रेनिंग:
अभी रेलवे की तरफ से एक्स अप्रेंटिसशिप के तहत युवाओं को ट्रेनिंग दी जाती है। इसमें उन्हें स्कॉलरशिप भी मिलती है। पहले अप्रेंटिस करने वालों को रेलवे में नौकरी मिल जाती थी, पर अब रेलवे भर्ती बोर्ड की परीक्षा में सफल लोगों को ही नौकरी मिलती है। अप्रेंटिस किए युवाओं को रेलवे की परीक्षा में करीब 30 प्रतिशत की छूट मिलती है।
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