वाघा बॉर्डर का इतिहास:
भारत और पाकिस्तान पहले एक ही हुआ करते थे बटवारे के बाद भारत और पाकिस्तान बॉर्डर वह जिस पर सबसे ज्यादा बाते अथवा चर्चाये होती है, वह पंजाब का वाघा बॉर्डर (Wagah Border) है.हर शाम यहाँ एक यैसी परेड होती है जिसे देखने के लिए स्थानीय लोगो के अलावा पर्यटक भी होते है, हर शाम को होने वाली इस सेरेमनी की चर्चा भी बेहद अधिक होती है. वाघा बॉर्डर (Wagah Border) न सिर्फ भारत पाकिस्तान के बीच एक सीमा रेखा की दीवार है, बल्कि दोनों देशो का यह संगर्ष और जूनून है
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क्यों प्रसिद्द है वाघा बॉर्डर:
वाघा बॉर्डर बीटिंग रिट्रीट सेरिमनी (Wagah Border Ceremony) के लिए दुनिया भर में फेमस है, और आपको बताते हैं वो बातें जिनसे आप आज तक अंजान हैं, इस सेरिमनी को देखने के लिए दुनिया भर से टूरिस्ट आते हैं, बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी में देशभक्ति से जुड़े गाने गाए जाते हैं देश भक्ति के साथ साथ बॉलीवुड गाने में दर्शक नाचते हैं दोनों देशों के सैनिक एक दूसरे से हाथ मिलाते हैं दोनों ही देशों के लोग सेरिमनी का हिस्सा होते हैं आपको बता देते हैं बागा एक गांव है जो भारत और पाकिस्तान को जोड़ने वाली सड़क ग्रैंड ट्रंक रोड के किनारे बसा हुआ है आधा अमृतसर से करीब 20 किलोमीटर और लाहौर से 22 किलोमीटर की दूरी पर है, भारत से पाकिस्तान जाने के लिए मात्र यही एक निर्धारित रोड है।
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वाघा बॉर्डर कैसे पहुंचे:
आपको बताते हैं वो बातें जिनसे आप आज तक अंजान हैं, वाघा बॉर्डर कैसे पहुंचे बस से भी अथवा कार से भी वाघा बॉर्डर पहुंच सकते हैं ट्रेन के जरिए भी यहां तक पहुंचा जा सकता है, देर से पहुंचने के लिए आपको अमृतसर उतरना होगा जहां से आप किसी के जरिए बाघा बॉर्डर तक पहुंच सकते हैं वाघा बॉर्डर से एयरपोर्ट करीब 35 किलोमीटर दूर है या अमृतसर में है एयरपोर्ट से 40 मिनट में बाघा बॉर्डर पहुंचा जा सकता है इसके लिए 700 से 800 खर्च करना होता है और आपको बता दें पर्यटकों के रुकने के लिए यहाँ व्यवस्था नहीं है, हालांकि अमृतसर में ठहरने की तमाम व्यवस्थाएं हैं लेकिन दोनों देशों के बीच कुछ आपसी रंजिस अथवा तनाव के होने पर कार्यक्रम कुछ दिनों के लिए स्थगित कर दिया जाता है। वही इस बॉर्डर पर 1959 के दौरान यह समारोह अथवा यह परेड शुरू की गई थी जिसे आप वाघा बॉर्डर के नाम है।
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क्या टाइमिंग होती है बाघा बॉर्डर जाने के लिए:
समरोह 45 मिनट की होता है, ऐसी चीज सूर्यास्त के पहले कर लिया जाता है सर्दियों में 4:00 बजे और गर्मियों में 4:30 बजे से समरोह शुरू की जाती है, बॉर्डर को 10 बजे के बाद ही खोला जाता है जहा समारोह 4 बजे से ही सुरु किया जाता है। ऐसे में यदि आप सेरोमनी देखना चाहते हैं, तो आपको किसी भी हाल में 3:00 बजे तक पहुंचना जरूरी होता है आपको बता दें और पब्लिक सीट के दौरान की बुकिंग पहले से ही फुल हो जाती हैं, यैसे आप बाघा बॉर्डर की टाइमिंग समझ लीजिये की कब जाना होता है वाघा बॉर्डर।
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वाघा बॉर्डर पर आप क्या नहीं ले जा सकते:
यहाँ पहले से ही जैमर लगे है, इसलिए आप मोबाइल ले जा सकते हैं लेकिन नेटवर्क नहीं आता है, बैग लेकर अंदर जाने नहीं दिया जाता इसमें लेडीस के हैंड बैग से लेकर पर्स तक शामिल है, और आपको बता दें खाना और पानी खरीदने के लिए अंदर स्टाल होते हैं और दोस्तों आपको बता दें बाघा बॉर्डर जाने की एंट्री बिल्कुल फ्री है तो बॉर्डर पर शाम के वक़्त होने वाले परेड को देखने के लिए स्थानीय लोग और पर्यटक बड़ी संख्या में आते हैं, साथ ही परेड से पहले होने वाला रंगारंग समारोह आपका मन मोह लेगा। वही परेड के दौरान भारत और पाकिस्तान के सैनिकों को आक्रमण मुद्रा में देख सकते हैं, यह बहुत ही सुन्दर द्रश्य होगा, और साथ ही साथ आपको बता दें यहां पर 2 देशों के लोग आते हैं एक पाकिस्तान और एक भारत, भारत की तरफ भारत के लोग होते हैं और पाकिस्तान की तरफ पाकिस्तान के होते हैं, इसी तरह आप वाघा बॉर्डर पर कौन सी वस्तु नहीं ले जा सकते आप यहाँ पढ़ सकते है।
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